DEDICATED TO INDIA VISION 2020. The Dream Of Our Real President Of India Mahamahim Dr. A.P.J. Abdul Kalam
Home
RGVT
Softech
K C S K
SEP
About Us
SatyaDharma
कुण्डली, हस्तरेखा एवं वास्तु
ज्योतिष भाग्य को केवल न बता सकती है वरन भाग्य को बदल भी सकती है
१. आप कौन - सा व्यापार करें ताकि सफल हों
२. व्यापार में निरंतर हानि के लिए क्या करें
३. आप किस क्षेत्र में जायें ताकि सफल हों
४. रोगों का निदान कब और कैसे होगा
५. मकान , वाहन एवं विवाह का योग कब है
६. आपके संतान का विवाह कब होगा
७. विवाह में बाधाओं का निदान कैसे होगा
८. विवाह के कई वर्षों बाद भी संतान नहीं है
९. ग्रहों की प्रतिकूलता , ग्रहों के दोष निवारण हेतु क्या करें
१०. कौन - सा रत्न धारण करें ताकि भाग्य की प्रबलता प्राप्त हो एवं
११. यदि आप पढ़ाई और करियर के लिए परेशान है तो
केवल एक परामर्श सभी समस्याओं से मुक्ति दिला सकती है | सम्पर्क करें - 8294855586
VEDIK ASTROLOGY

Asvance Teachnique of Predictin द्वारा जन्मपत्री का Microscopic Analysis करवाकर समस्या की जड़ जानें और सही समाधान पाएँ |

VEDIK VASTU

वैदिक और वैज्ञानिक तरीके द्वारा किसी भी मकान का वास्तु जाँच करवाकर वैज्ञानिक तरीके से बिना किसी तोड़फोड़ के ही समाधान पाएँ|

CHAKRA HEALING

शारीर में रोग की मात्रा न बढ़े उसके लिए Harmoniser Therapy द्वारा सभी चक्रों की Blockage खोलना , Negative Energy और रेडिएशन रिमूव करना, जितनी देर चक्रों की blockage नहीं खुलती उतनी देर दवाई भी नहीं लगती |

SHANTI KARMA

नवग्रह , पूजा - पाठ, हवन और हर प्रकार के जन्मकुंडली के दोषों की शांति शास्त्रानुसार करवाई जाती है . आप किसी भी पूजा का प्रभाव पूजा के पहले और पूजा के बाद वैज्ञानिक तरीके द्वारा देख सकते हैं ||

GEM STONE SUITABILITY

जन्मपत्री हो या ना हो , वैज्ञानिक तरीके द्वारा जानें कि आपके शारीर के अनुसार कौन - सा नग suit करता है . मानो आपको नीलम सूट करता है तो कई प्रकार के नीलम में से आपको कौन-सा आपके शारीर को कितने प्रतिशत सूट करेगा . पहले जो नग पहना है वह असली है या नकली उसका भी पता चल जायेगा . इसलिए अपने शारीर के अनुसार नग पहनकर पूर्ण लाभ उठावें |

ASTRO VASTU GOODS

Astrology और Vastu Remedies के ऐसे १०८ प्रोडक्ट्स जिसे लगाते ही आप रोगों, ज्योतिष और वास्तु दोषों के सही उपचार के प्रभाव को वैज्ञानिक तरीके से और कंप्यूटर द्वारा देख सकते हैं |

आज का पंचांग एवं राशि फल
30 मई 2018: आज का राशिफल (Aaj Ka Rashifal)
ज्योतिष सेक्शन में जानिए आज आपके सितारे क्या कह रहे हैं। दैनिक राश‍िफल में आप सभी 12 राश‍ियों का भविष्यफल पढ़ सकते हैं।
मेष
- जिम्मेदारी वाला भार लेने से बचें अन्यथा परिस्थितियों को नियन्त्रण में कर पाना मुश्किल हो जायेगा।
वृष
- छात्रों को मनोरंजन करने के अवसर प्राप्त होंगे। महिलाओं को कुछ नयीं चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
मिथुन
-छात्रों को अपने अभिवावकों की बात पर ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को शारीरिक व मानसिक थकान बनी रहेगी जिससे किसी भी कार्य में मन नहीं लगेगा।
कर्क
-अधिकारियों से मनमुटाव होने की आशंका है। महिलाओं को सामाजिक समबन्धों पर ध्यान देना चाहिए।
सिंह
- महिलायें रणनीति बनाकर ही कार्य का आरम्भ करे तभी सफलता अर्जित होगी। कुछ छात्रों को मनासिक वेदना हो सकती है।
कन्या
-किसी भी कार्य में अस्थाई तौर पर रूकावटें महसूस होंगी परन्तु अन्तिम चरण में सफलता अवश्य मिलेगी। महिलाओं को घर-परिवार में अच्छे रिश्तें बनायें रखने की आवश्यकता है।
तुला
- नौकरी वाले जातक अपने बॉस से दूरी बनायें रखें। महिलायें आभूषणों की खरीददारी कर सकती है। भावनात्मक रिश्तों में अति शीघ्रता न करें
वृश्चिक
-नवयुवक हर विषय को गहराई से सोंचने का प्रयास करें। महिलायें अपने निज सम्बन्धों को बेहतर निभाने की कोशिश करें अन्यथा रिश्तों में दरार आ सकती है।
धनु
- परिवार में दुख दर्द से भरा माहौल रहने की आशंका है। धन से सम्बन्धित लम्बित मामलों में प्रगति होने के आसार है। किसी पार्टी में आप शिरकत करेंगे।
मकर
-महिलायें कोई भी निर्णय सोंच-समझकर ले तो अच्छा रहेगा। छात्रों को मानसिक वेदना कम करने के लिए अपने काम पर फोकस करना चाहिए।
कुम्भ
-किसी नजदीकी व्यक्ति को अधिक महत्व न दें तो हितकर रहेगा। आपके परिश्रम के दूरगामी परिणाम लाभदायक रहेंगे।
मीन
-शिक्षा सम्बन्धी चल रहे प्रयासों में सफलता मिलने के आसार हैं परन्तु व्यर्थ की समस्याओं में न उलझे। कार्य पूरा करने के लिये पूरी शक्ति का इस्तेमाल करना पड़ेगा।

पंचांग या पंचागम् हिन्दू कैलेंडर है जो भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है। पंचांग मुख्य रूप से 5 अवयवों का गठन होता है, अर्थात् तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं करण। पंचांग मुख्य रूप से सूर्य और चन्द्रमा की गति को दर्शाता है। हिन्दू धर्म में हिन्दी पंचांग के परामर्श के बिना शुभ कार्य जैसे शादी, नागरिक सम्बन्ध, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, परीक्षा, साक्षात्कार, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते । जैसा कि प्राचीन समय से बताया गया है कि हर क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है। इसी तरह जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के अनुरूप कार्य करता है तो पर्यावरण प्रत्येक व्यक्ति के साथ समान तरीके से कार्य करता है। एक शुभ कार्य प्रारम्भ करने से पहले महत्वपूर्ण तिथि का चयन करने में हिन्दू पंचांग मुख्य भूमिका निभाता है। पंचांग एक निश्चित स्थान और समय के लिये सूर्य, चन्द्रमा और अन्य ग्रहों की स्थिति को दर्शाता है। विश्वविजय पंचांग 100 वर्षों की जानकारी रखता है जो सभी के लिए बहुत दुलर्भ है।
संक्षेप में पंचांग एक शुभ दिन, तारीख और समय पे शुभ कार्य आरंभ करने और किसी भी तरह के नकारात्मक प्रभाव को नष्ट करने का विचार प्रदान करता है। आज के दिन का पंचांग जानने के लिए आप हिन्दू कैलेंडर या गुजराती कैलेंडर देख सकते हैं। सूर्योदय एवं सूर्यास्त
- हिन्दू कैलेंडर के अनुसार दिन की पूरी लम्बाई को एक सूर्योदय से लेकर दूसरे सूर्यास्त तक जाना जाता है। इसलिए ज्योतिष में सूर्योदय और सूर्यास्त को महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी तरह के मुख्य निर्णय सूर्योदय और चन्द्रमा की स्थिति को देखकर ही लिए जाते हैं।

चन्द्रोदय एवं चन्द्रास्त
- हिन्दू कैलेंडर में किसी भी शुभ कार्य को करने के लिऐ दिन एवं समय को जानने के लिए चन्द्रोदय एवं चन्द्रास्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शक सम्वत्
- शक सम्वत् भारतीय आधिकारिक नागरिक कैलेंडर है जो कि 78AD में स्थापित किया गया था ।

अमान्ता महीना
- हिन्दू कैलेंडर जो कि चन्द्र महीने के बिना चन्द्रमा वाले दिन समाप्त होता है उसे अमान्ता महीना कहा जाता है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तामिलनाडू, केरला, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा राज्य इस कैलेंडर का अनुसरण करते हैं।

पूर्णिमान्ता महीना
- हिन्दू कैलेंडर जो कि चन्द्र महीने में पूरा चन्द्रमा दिखाई देने वाले दिन समाप्त होता है पूर्णिमान्ता महीना कहलाता है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू काश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश इस कैलेंडर का अनुसरण करते हैं।

सूर्य राशि एवं चन्द्र राशि
- सूर्य संकेत किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाता है जबकि चन्द्र संकेत कुंडली के दूसरे महत्वपूर्ण पहलूओं को दर्शाता है।

पक्ष
- तिथि को दो भागों में विभाजित किया जाता है तथा इन भागों को पक्ष कहा जाता है। पक्षों को कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष के नाम से जाना जाता है।

अच्छा समय/शुभ समय
अभिजीत नक्षत्र - अभिजीत मुहूर्त में भगवान ब्रह्मा का समावेश होता है तथा कोई भी शुभ कार्य करने के लिए इसे बहुत ही शुभ समय माना जाता है।

अमृत कालम - अमृत कालम को कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।

अशुभ समय
गुलिकाई कालम - गुलिका शनि के पुत्र थे। इसे गुलिकाई काल कहा जाता है। इस समय में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता ।

यामगंदा - यामगंदा मुहूर्त के समय किसी भी तरह के शुभ कार्य को आरंभ करना अशुभ माना जाता है तथा उसमे किसी तरह की वृद्वि नहीं होती।

दूरमुहूर्त - किसी भी शुभ कार्य को करने के लिऐ दूरमुहूर्त काल के समय को अशुभ माना जाता है।

वर्जयाम - वर्जयाम काल सूर्योदय से प्रारम्भ होकर अगले दिन सूर्योदय तक होता है। इसे शुभ कार्य करने के लिए उचित नहीं माना जाता।

राहु कालम - राहु काल के समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता । राहु काल को किसी भी शुभ कार्य के लिए पूरी तरह से अनदेखा किया जाता है।

हिन्दू पंचांग से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी mPanchang पर उपलब्ध है।
Service of a man is the service of God.
Your visitor No.
BACK
Your Visitor No.
Home    |    SEP    |    Softech    |    KCSK    |    Vocational    |    ISO    |    RGVT    |    Satyadharma    |    Contact Us
All Right Reserved       Copyright © rgvt     Web developed by "Raj Infotech"    Orgd. by RGVT, New Delhi
Mail us to ejoying your website wonership : rgvt.org@gmail.com