अखिल भारतीय अंगिका साहित्य समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यगण
संस्थापक सह अध्यक्ष
डॉ रमेश मोहन शर्मा "आत्मविश्वास"
उपाअध्यक्ष
१ . डॉ ब्रह्मदेव ब्रह्म २. श्री रत्नेश शर्मा "अंजन"
कोषाध्यक्ष
श्री श्रवण बिहारी
महासचिव
डॉ मुकेशचन्द्र शर्मा "अधिवक्ता"
उप महासचिव
श्री अनिल कुमार मंडल "बेकार"
कार्यकारिणी सदस्य
१. श्रीमती सविता देवी २. श्रीमति उषा देवी ३. डॉ कंचन माला ४. श्री गुलशन कुमार ५. हरी प्रमोद शर्मा "हरिताभ"
परामर्श
संरक्षक
श्री आनन्दी प्रसाद मंडल (समाजसेवी)
तकनीकि निर्देशन
स्फोटाचार्य आशीष आनन्द
अंगिका भाषा प्रचार अभियान समिति
डॉ रमेश मोहन शर्मा "आत्मविश्वास"
डॉ ब्रह्मदेव ब्रह्म
अधिवक्ता प्रभाश्चंद्र मतवाला
साथी सुरेश सूर्य
श्रवण बिहारी
अनिल कुमार मंडल "बेकार"
कवि महेंद्र निशाकर
कपिलदेव ठाकुर "कृपाला"
योगेन्द्र मंडल "कर्मयोगी"
अखिल भारतीय अंगिका विकास समिति (पंजीकृत)
पंजीयन संख्या - २४८ / २००६-२००७
स्थापना तिथि - ०१-०२-१९९१ ई.
संस्थापक
डॉ रमेश मोहन शर्मा "आत्मविश्वास"
योग्यता (शिक्षा एवं शोध)
एम. ए., बी.एड., पी-एच.डी., (अंगिका लोक साहित्य), डी.लिट्. (ध्वनि विज्ञान)
सम्पादन
अन्गिकांचल (त्रैमासिक)
प्रधान सम्पादन १९९२ ई. से प्रारंभ
भाषा - सर्वेक्षक
पीपुल्स लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा मनोनीत अंगिका भाषा सर्वेक्षण, बिहार
प्रारंभिक शिक्षा
साहू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, साहू परबत्ता (भागलपुर)
उच्चतर शिक्षा
टी. एन. बी. महाविद्यालय, भागलपुर
शोध
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर (बिहार) भारत
शिक्षण कार्य
महर्षि मेंही उच्च विद्यालय, अठ्गामा राघोपुर , भागलपुर (बिहार)
साहित्य - रचना
हिंदी, अंगिका के लब्ध-प्रतिष्ठित कवी, कथाकार, निबंधकार, समीक्षक आदि
प्रकाशित पुस्तकें
लोकगाथा बाबा विशु रावथ , जोति-तपस्या (अंगिका महाकाव्य)
ऐनाँ (गद्य-पद्य-संग्रह),
अंगिका लोक साहित्य की भाषा-सर्वेक्षण (१९८६)
शोध-ग्रन्थ
१. अंगिका अंचल के लोक साहित्य का अध्ययन (अप्रकाशित)
निदेशक - प्रोफेसर डॉ. राधा कृष्ण सहाय, भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर
२. अंगिका भाषा का ध्वनिवैज्ञानिक अध्ययन (प्रकाशित)
निदेशक - प्रोफेसर डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद साह , भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर सह
डॉ. बहादुर मिश्र, भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर
व्याकरण
१. अंगिका भाषा का मानक व्याकरण (प्रकाशित)
२. सरल अंगिका व्याकरण - २०१७ (प्रकाशित)
हिंदी काव्य
सागर में डूबे सितारे (प्रकाशित)
अंगिका कहानी
भोजू , तों बाबु जा , दीदी , दादी (अन्गिकांचल में प्रकाशित)
शिक्षा-सिद्धांत का निरूपण
अनुस्वार की स्थापना, हल्स्वर की स्थापना, स्वारित स्वर का स्वरुप-निरूपण, अनुव्यंजन के सिद्धांत की स्थापना
दीर्घ-अ, दीर्घ-आ, दीर्घ-ए, दीर्घ-ऐ, दीर्घ-ओ, दीर्घ-औ का स्वरुप-निरूपण, अंगिका ध्वनिग्राम का निरूपण,
अंगिका वर्तनी सिद्धांत और नियम
प्राचीन शिक्षा सिद्धांत 'अयोग्वाह' में सुधार
अनुस्वार अयोग्वाह नहीं, अनुस्वर की मात्रा है |